जनहित को सूचित किया जाता हैं की यह ब्लॉग केवल हसी मज़ाक के लिए इसमे लिखी गयी सच हैं मगर दिल पर लेनी की कोशिश मत ही करिएगा हो सकता हैं आपका हार्ट फैल हो जाए- आज्ञा से अजय पाण्डेय

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

कॉलेज का प्रथम दिन !!!

शुरू करने से पहले मैं आप लोगो को अपने बारे मैं कुछ बताना चाहूँगा । मेरा नाम अजय पाण्डेय हैं और मैं बात २० अगस्त ( शायद यही हैं मुझे पक्का याद नही ) की कर रहा हू जब मैं अपना घर छोड़ के पहली बार हॉस्टल मैं रहने आया था । पहले ही दिन मेरे साथ एक अजीब किस्सा हुआ । आइये आपको बताता हूँ ।

किस्सा शुरू करने से पहले बता दू की उन दिनों मेरा वजन कुछ ९० किलो हुआ करता था । गोल चेहरा साधना कट बाल और चेहरे पर मुछे। ये था कुछ मेरा अंदाज़ । मगर मेरा यह अंदाज़ लोगो को नही सुहाता था। उन्हें में अपनी उम्र से कुछ ४ - ५ साल ज्यादा का ही लगता था। तो बात ये हुई पहले दिन मेरा भाई मुझे छोड़ने आया । मेरे भाई की बात कहे तो वो मेरे बिलकुल विपरीत । वो कहा स्मार्ट लुक वाला बंदा और मैं एक भोंदू। तो जब पहले दिन जब हम कमरे पहुंचे तो मेरा पहले रूम पार्टनर के घर वाले आये हुए थे। अभी मेरा भाई मुझे रहने के कुछ कैडे कानून बता ही रहा था तब तक एक महाशय वह आ पहुंचे। हा देखने मैं स्मार्ट था। गोल चेहरा छोटे बाल लम्बा कद । हर्री पोट्टर वाला चश्मा लगाये हुए ये भाई साहब कमरे मैं घुसते हैं और हम दोनों पाण्डेय बंधुओ की तरफ देख कर बड़े स्टाइल से मुझसे नमस्ते किया और मेरे भाई से हाथ मिलाया।

मेरा भाई ये देख के दांग रह गया । ये कैसा लौंडा हैं बड़े भाई की कोई इज्जत ही नहीं । बाद मैं जाने से पहले मेरा भाई मुझे समझाता हैं की देखना इससे बच के रहना इसकी हरकते सही नही लग रही । ये लौंडा ज्यादा ही मॉडर्न हैं।
मैंने भी कहा ठीक । और यहाँ समझा कर मेरा भाई वहा से चल दिया। रास्ते मैं वरुण (मेरा रूम पार्टनर) फिर मेरे भाई से मिला और कहता हैं क्यूँ कल कॉलेज नही करना क्या? तब मेरे भाई के दिम्माग मैं बत्ती जली और समझ गया गलती वरुण की नहीं मेरे हुलिए की हैं। तब उसने वरुण को ढंग से समझाया की बेटा जो अंदर हैं वो मेरा छोटा भाई हैं और वो इस कॉलेज मैं पढने आया हैं । यहाँ सुन कर जब वरुण वापस रूम पर आया तो मरी शक्ल देख कर खूब हँसा । और उसने मुझे पूरी बात बताई। तो देखा पहले दिन आते आते ही मेरा साथ किस्सा हो गया जिसमे शर्मिंदा भी मुझे ही होना पड़ा।

चलिए यह था मेरा पहले दिन का किस्सा अभी ऐसे और इससे भी मजेदार किस्से बचे हैं । यह पहला पोस्ट था इस लिए इस पर मैंने अपना किस्सा सुनाया मगर होशियार अब मैं आप सबके किस्सों को उठाऊंगा । और याद रखियेगा कोई भी नहीं बचेगा सिनिअर्स भी नही .

3 टिप्‍पणियां: