जनहित को सूचित किया जाता हैं की यह ब्लॉग केवल हसी मज़ाक के लिए इसमे लिखी गयी सच हैं मगर दिल पर लेनी की कोशिश मत ही करिएगा हो सकता हैं आपका हार्ट फैल हो जाए- आज्ञा से अजय पाण्डेय

शनिवार, 25 दिसंबर 2010

आराम से कही आपका दिल दहल न जाये !!!!

इस फोटो में आप नेता और पुनीत पाण्डेय को बेताल पचीसी का खेल खेलते हुए देख रहे हैं। अब आप इनकी शक्ल देखकर बताये बेताल कौन और राजा कौन ?

इस फोटो में आप नेता का हब्सी पन देख रहे हैं। साला खा खा के थकता नही हैं। जानते हैं क्यूँ? क्यूंकि नेता के घर में दही बा।



अब आप समझे हम नेता को नेता क्यूँ कहते हैं। शक्ल से देख रहे हैं क्या नूर टपक रहा हैं। ऐसा नेता अगर आ जाये तो देश की तो लग जाएगी मगर आप मत डरिए ये भाई साहब नेता नही बनना चाहते ये तो फौज में जाना चाहते हैं।

अब जरा गौर फरमैयेगा । अपना दिल थाम लीजिये क्यूंकि शायद ही कभी आपने नेता का ऐसा रूप देखो हो जो आज देखने जा रहे हैं । इन नीचे की तस्वीरो के लिए मेरा पास कोई शब्द नही । अगर आप के पास हो तो अवश्य कमेन्ट करे । धन्यवाद।





आपको ये पोस्ट कैसा लगा जरूर बताये और हा कृपया करके नेता की ज्यादा वाट मत लगाये क्यूंकि ऐसा आपके साथ भी हो सकता हैं। Mind it anna rascallaaa.

सोमवार, 20 दिसंबर 2010

हेल्लो मैं अभी केक खाके आता हूँ

बात उस दिन की हैं जब हमारे हॉस्टल में pharma सर का बर्थडे मनाया जाना था। उस दिन तो जैसे त्यौहार का दिन था । सब ने सोच लिया था की आज तो हम जम के नाचेंगे क्यूंकि सबके चाहिते pharma का बर्थडे था। मगर रात के बारह बजे कुछ और ही scene था । सब कुछ सुखा सुखा था। न कोई डांस न शोर कुछ नहीं। और हो भी कैसे फैजाबाद का मशहूर लौंडा वह से गायब था। इन भाई साहब के बारे में आपको क्या बताये । इनको थोड़ी कमजोरी हैं । इनका जरा सी भी बात पर डांस निकल जाता हैं। ये हमारे हॉस्टल के मशहूर लौंडे हैं या ये कहे बहूत बड़े नचनिया हैं। अब यही सोच सोच कर सबकी राख हो की साला सब में जाके नाचेगा मगर फार्मा में नही आया। तभी अपने नमन सर (इनके बारे में जानने के लिए पढ़े यार bowling करने को डॉक्टर ने मना किया हैं) घुसते हुए बोले आने दो हरामखोर को भगा देंगे साले को।

ये सुन कर मुझे बुरा लगा क्यूंकि मैंने ये सुना था की उसका सर दर्द हो रहा था इसलिए वो नही आया । तभी मैंने सोचा उसको बुला लेते हैं भले नाचे न कम से कम खड़ा ही जायेगा। Attendence तो लग जाएगी बेचारे की। यह सोच कर में उसके रूम पर गया। पर रूम पर क्या देखता हूँ नेता तो सचमुच कमीना निकला । यहाँ हमलोग पसीना बहा बहा नाच रहे थे और ये साला अपनी माशूका से बतिया रहा था। तभी मेरे दिमाग की बत्ती जली और मैंने ठान लिया की इसको तो मज़ा चखाना ही हैं। में इसे बोला चलो नेता बर्थडे में चलते हैं। वो बोलता हैं नही बे सर लोग डांटेंगे वैसे भी लेट हो गयी हैं। तब मैंने उसको कोपचे में लिया और बोला चलबे कुछ नही तो हराम का केक खाके आते हैं। अब नेता जैसा हब्सी कैसे मना कर सकता हैं तुरंत तैयार हो गया।

इतने में अपने नेता भाई गच हो चुके थे और अपनी माशूका से बोलते हैं " हेल्लो में आता हूँ। " उधर से आवाज आती हैं ," कहा जा रहा हैं बे " तो ये भाई साहब बोलते हैं ," हेल्लो जान रुको में केक खाके आता हूँ। " अब पता नही इनकी माशूका ने क्या बोला ये हमारे साथ चल दिए ।

इतना बोलने के बाद हम दोनों नीचे चल दिए। नीचे पहुंचते ही नेता जो गरियाया गया हैं न क्या बताऊ। अब क्या कहे बेचारा सूअर जैसी शक्ल बना कर वापस चला गया और अपनी माशूका से कहता हैं," हेल्लो जान में केक खाके आ गया ।"

मेरे हॉस्टल में माँ बहन

अपनी हॉस्टल लाइफ के शुरू के दिनों का एक और दर्दनाक किस्सा आपके सामने पेश करना चाहता हूँ । वैसे मेरे लिए तो ये मजाक की बात थी लेकिन कुछ लोगो की ये बात भूले नहीं भूलती। कैसे और क्यूँ ? आइये देखते हैं!!!

बचपन से कभी अकेले सोने की आदत नही थी इसीलिए हॉस्टल में भी अधिकतर मैं जोशी के साथ सो जाया करता था। एक सुबह उठा तो वरुण कहता हैं " यार पाण्डेय कल पंगा हो गया । कल साजिद से थोड़ी बहस हो गयी।" हुआ ये था की KT और वरुण हमेशा की तरह आपस में लड़ रहे थे वो भी एक दूसरे पर चप्पल फ़ेंक फ़ेंक कर। मैंने भी कहा,"चल कोई बात नही यार ज्यादा से ज्यादा वो चपरासी कर क्या लेगा। " और ये कह कर हमने ये बात हसी में टाल दी। पर हमे क्या मालूम था की अभी मुसीबत तो आनी बाकी हैं।

सुबह का समय था। उस दिन हमारा PHYSICS का mid sem था। तभी अचानक lobby में एक चपरासी आता हैं और कहता हैं अभी कोई नहीं जायेगा अनंत सर आ रहे (अनंत हमारा चीफ वार्डेन हैं)। मैंने वरुण से पूछा ये क्या करने आ रहा हैं अभी । वरुण बड़ी मौज में आकर कहता हैं अबे यार physics का HOD होगा हमे नोट्स देने आ रहा हैं । अभी हम तैयार ही हो रहे थे की तब वो lobby में आ गया । मैं बहार निकला तो सीधे मुझसे पूछता हैं की room no. ३ कौन सा हैं। मैंने सीधे अपने रूम की तरफ इशारा कर दिया। उसके बाद तो जो हुआ की मैं आपको क्या बताऊ । वो सीधे रूम में घुसा और वरुण को गर्दन से उठा कर पटक दिया । वरुण का तो चेहरा पिला और पैंट गिला हो गया। यह देख कर मुझे वरुण की नोट्स वाली बात याद आ गयी। मगर छोडिये मैं क्या बोलू । मेरा बोलना जले पर नमक की तरह काम करेगा।

इतना ही होता तो ठीक था। मगर पिक्चर तो अभी बाकी थी मेरे दोस्त। अनन्त चिलाते हुए बाहर आया और दूसरे launde के बारे में पूछने लगा। अब आपको क्या बताये की वो दूसरा खुशनसीब कौन था। हाँ आपने सही पहचाना अपना मंदिर का घंटा KT भाई। KT को देखते ही मानो वो बौरा सा गया। मानो स्वयम काली जी आ गयी हो। अब उसके बाद क्या बताऊ उसने KT की जो धुलाई की हैं न उससे KT की काली ...... निकल गयी। हमारे वार्डेन को तो कुछ सूझ ही नही रहा था। वो तो kT को बस ठासता ही जा रहा था और चिल्लाता जा रहा था ," मेरे हॉस्टल में माँ बहन करोगे ?"

यही कम नही था KT की मौज लेने के लिए की अचानक से अनन्त ने बोल दिया बता तेरे बाप क्या करते हैं। अब तो मेरी चीखे ही निकल गयी क्यूंकि KT के बाप police में थे और ये सुन कर अनंत KT को और मरता। समझदारी KT ने भी दिखाई और कुछ न बोला। मगर अनन्त तो रुक ही नही रहा था वो तो उसको धोबी की तरह धुलता जा रहा था। मरता क्या न करता KT ने बोल ही दिया की उनके बाप police में हैं। सही बताऊ भले पहले मेरी फट रही हो मगर उस समय मुझे हसी आ गयी। और आपको क्या बताऊ मेरा सोचना सही था । ये सुनते ही KT दो कंटाप और पाया स्पेशल।

जब अनंत मरते मरते थक गया तब KT को ऐसे ही छोड़ कर चला गया और उसके एक हफ्ते तक KT की क्या मजाल जो हॉस्टल में माँ बहन करदे। यहाँ तक अनंत का नाम सुनकर तो बाथरूम में छुप जाता था। तो कैसा लगा आपको ये किस्सा जरूर बताइए। धन्यवाद।

रविवार, 19 दिसंबर 2010

मेरे अगले २० विस्फोटक किस्से !!!!

बहुत अच्छा लगा आपका सहयोग देखकर । पहले २० किस्सों को इतना सरहाने के लिए शुक्रिया । मुझे तो यह देख कर ख़ुशी हो रही है की दूसरो को कितना मज़ा आता हैं जब आप की ली जाती हैं । उसी ख़ुशी को बरक़रार रखने के मैं अजय पाण्डेय आपका अपना प्यारा दोस्त लाया हूँ २० और ऐसे नए किस्से जो सच में विस्फोटक हैं । इनको पढने के बाद सचमुच कई लोगो की तो लग जाएगी। जैसे की मैंने पहले भी बोला था मैं किसी को नही बक्शुन्गा । हा अगर आपको किस्सों से कोई भी अप्पति हो तुरंत नीचे कमेन्ट दे मैं उन्हें हटाने का प्रयास करूँगा । आपके के किस्से को हटाने की शर्त यहाँ हैं की अपने आपको छोड़ कर आपको पांच दूसरे लोगो से मना करवाना पड़ेगा ।

तो अब ज्यादा बात न करते हुए मैं पेश करता हूँ अगले २० नए किस्से । एक बार किस्सा पोस्ट हो गया तो उसको हटाना बहुत मुश्किल हैं इसलिए पहले ही सूचित करे (नही तो आपका नमन सर वाला हाल होगा) । आगे आने वाले २० किस्से हैं :-
  1. ऑपरेशन के लिए चुराया लैपटॉप
  2. मुझे सच्चा प्यार नही मिला
  3. अरे अरे काट रहा हैं
  4. मेरे बाप को मोतियाबिंद हैं
  5. मुझ जैसे talented बन जाओ तब कुछ बोलना
  6. ज्ञान सर को प्लेसमेंट मैं दिलवाऊंगा
  7. मैं हूँ A टीम का Goal keeper
  8. आज मैं तुम्हारा बर्थडे बनाऊंगा (विशेष)
  9. SRMS की खून पीने की मशीन
  10. मैं तो guitar बजा रहा था ...
  11. Windows के ३ नए versions
  12. फोटो डिलीट करने के लिए भी प्रोग्रम्मिंग चाहिए
  13. Lobby का चप्पल चोर
  14. मैं checkmates में जा रहा हूँ
  15. मुझे रोमांटिक प्ले करना हैं
  16. PTI मेरा चाचा
  17. एक्सपर्ट कमेंट्स का जन्म दाता
  18. भरी बस से उतर दिया
  19. बच के नही तो ये गाड़ देगा
  20. मुझे banglore जाना हैं
तो ये हैं इस बार के कुछ किस्से । इसमें मैंने seniors को काम अपने batch mates पर ज्यादा निशाना साधा हैं। मगर डरने की बात नही हैं मैं इन किस्सों को तब तक नही पोस्ट करूँगा जब तक पुराने नही हो जाते तब तक आपके पास समय हैं इन किस्सों को हटवाने का । याद रखे जितनी जल्दी आप करेंगे उतना ही आपका फायदा होगा नही आप तो जानते ही हैं की मैं खाली बैठा हूँ।

यार bowling करने को डॉक्टर ने मना किया हैं

आइये आज हम आपको आइसे प्लेएर के बारे मैं बताते हैं जो अपने आप मैं एक lejend हैं । Lejend क्या मैं तो कहूँगा की क्रिकेट की दुनिया के अभी तक महानतम players में से एक हैं। मेरी मानिये तो ये तो पुरुष ही नहीं महापुरुष हैं महापुरुष। जी हा मैं आपको ऐसे महाशय के बारे मैं बताने जा रहा हूँ जिनको डॉक्टर ने bowling कराने से mana कर दिया। अब आप पूछेंगे आखिर ये हैं कौन ? क्या ये शोइब अख्तर से तेज़ कराते हैं। तो मैं कहूँगा झा.... नहीं।

अब ज्यादा suspense न रखते हुए मैं बताना चाहूँगा उनका नाम । वो हैं हमारे प्यारे, आपके प्यारे माननीय नमन सर । ये और भी कई नामों से जाने जाते हैं जिसका जिक्र मैं नही करूँगा। इनके बारे में मैं आपसे कुछ बताना चाहूँगा । अपने बैच के फाड़ बल्लेबाज और विक्केट keeper भी और ५ साल पहले शायद एक तेज गेंदबाज भी। लेकिन ऐसा क्या हुआ की इनको डॉक्टर ने मना कर दिया । आइये जानते हैं।

दरसल इन्हें डॉक्टर ने मना इनकी बचपन की गलतियों की वजह से किया था। अब मुझे नही मालूम कौन सी बचपन की गलती लेकिन हा इतना पक्का हैं थी तो बचपन की गलती ही। नहीं तो जहा तक मैं जनता हूँ इनसे तेज़ गेंदबाज तो अभी तक कोई नही हुआ। यहाँ तक मौर्या सर भी इनसे तेज़ नही करा पाते। इन्ही दोनों के फाड़
जोड़ीदारी और चीता पर्फोर्मांस से कई बार CS final या उससे पहले हार चूका हैं। यही नहीं एक और ऐसे चीता player हैं CS ब्रांच मैं जो इनसे भी तगड़े हैं ( हा आप सही समझे )मगर हम उनका जिक्र बाद मैं करेंगे अभी हम अपने लक्ष्य से भटक गए हैं। तो वापस आता हूँ । उस बचपन की गलती की वजह से इनकी पीठ की हड्डी का पानी सूख गया (आप समझ सकते हैं पानी कह गया होगा) जिस वजह से डॉक्टर ने इनको bowling कराने से मना किया और इनका bowling career ख़त्म कर दिया।

हा हैं तो अफ़सोस की बात मगर हम कर भी क्या सकते हैं। होनी को कौन टाल सकता हैं। नमन सर मुझे आपसे सहानभूति हैं और आप जैसे फाड़ और चीता प्लयेर को मैं salute करता हूँ। और अपने दोस्तों से मैं हाथ जोड़ कर प्राथना करता हूँ की सर के bowling carreer ki मौत पर २ minute का मौन रखे।

और मैं अपने दोस्तों से ये भी आग्रह करना चाहता हूँ की कोई नमन सर से इस बात पर मौज न ले । धन्यवाद !!

शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

आगे आने वाले जोरदार किस्से !!!!

वैसे मैं ये बताने तो नही जा रहा था मगर मुझे ऐसा लगा की मेरे किस्सों से कई लोगो को मिर्ची लग सकती हैं. इसीलिए मैंने सोचा की पहले आप सबको एक छोटा सा नमूना दे दिया जाये जो की पहले दो किस्सों मैं कर चूका हूँ . बाकी आगे के किस्सों के लिए मैं आपसे आज्ञा चाहता हूँ. अगर कोई किस्सा आपको गलत लगे मुझे जरूर बताये मैं उसे पोस्ट नही करूँगा . पोस्ट करने के बाद मेरी जिम्मेदारी नहीं बनेगी . बाद मैं आपकी ली जाये उसका जिम्मेदार मैं नहीं. धन्यवाद् .

आगे आने वाले किस्से हैं :-
  1. बलिया का खेखनु.....
  2. अच्छा मिश्रा तुम हो मुझे लगा बाजपाई हैं...
  3. नेता का लोयाल्टी टेस्ट..
  4. छत पर tyro तैयार ...
  5. जोशी तुम D संभालना मैं FS
  6. मेरे लड़के की शादी तये
  7. actually मुझे शादी करनी हैं
  8. हेल्लो मैं अभी केक खाके आता हूँ
  9. मिश्रा की आप बीती
  10. घर के बहार किया वो भी नंगा
  11. ITI का अकेला भान्सुरी वाला
  12. मेरे हॉस्टल में माँ बहन
  13. मैंने आठ महीने में बोलना सीखा
  14. बनारस के अस्सी घाटों का राजा या चोर
  15. DINSHAW बाबा का FIGHT CLUB
  16. फैजाबाद का .......
  17. metapahse नही anaphase
  18. बचपन से मुझे कभी ठंडा खाने को नही मिला
  19. यार bowling करने को डॉक्टर ने मना किया हैं
  20. SRMS के प्रान्गड़ में पागल
ये कुछ शुरुवाती किस्से हैं जो मैं पोस्ट करना चाहता हूँ और मुझे मालूम हैं की आप सबको पता चल गया होगा कौन सा किस्सा किसके लिए हैं . इसीलिए मैं आप सभी से आज्ञा चाहूँगा वो भी जल्दी नहीं तो मैं बता दू मैं खली बैठा हूँ.

गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

KT का जन्म !!!

ये KT नाम की वास्तु क्या हैं और इसका जिक्र क्यूँ? इसका एक कारण हैं। शुरुआत के दिनों में ये भाई साहब खूब छाए रहे तो इनका जिक्र तो मेरे ब्लॉग पर जरूरी हैं ही मगर KT क्यूँ???असल मैं KT का असली नाम विशाल प्रजापति हैं। ये हमारी ब्रांच और ज्यादा सही से कहे तो मेरी क्लास मैं ही था। वैसे तो ये बहुत सीधा और सही मयनो में Talented था मगर दोस्ती कभी talent देखती है भला। तो आगे के तीन चार किस्से मैंने KT के नाम करने की सोची हैं मगर उससे पहले ये भी तो बताना जरूरी हैं की KT का नाम KT पड़ा कैसे ??

हुआ यू की शुरुवात में भाई साहब विशाल क्यूंकि ये फ्रेशर पार्टी में मिस्टर Talented चुने गए थे तो बड़े भौकाल में रहता थे दूसरो का तो नही मालूम लेकिन में बहुत प्रभावित था इनसे कुछ दिन के बाद ही विशाल की सचाई पता चल गयी की भाई ये कोई भौकाली नही, हाँ सीरत से सीधा बहुत था या ये कहे इससे कोई भी बेवकूफ बना सकता था ( ये में उस समय की बात कर रहा हु अब तो महाशय बहुत ही ज्यादा सुधर गए हैं )

धीरे धीरे लोगो की सब समझ में ही गया और शुरू में नये नये दोस्त बने थे और दोस्ती में नाम देना कोई नई बात नहीं। तभी से इनको इस नाम से जाना जाने लगा इनके इस नाम का श्रेय में जोशी , जीतू और वरुण को देना चाहूँगा ( अगर में किसी का योगदान भूल रहा हूँ तो नीचे कमेन्ट में अपना नाम जरूर दे मैं उसको ब्लॉग में अवश्य शामिल करूँगा ) अब इस नाम का पूरा मतलब तो मुझसे मत ही पूछिए ये तो आपको मालूम ही होगा। याद हो या ना मालूम हो ता में थोडा याद दिला सकता हूँ कुछ काली कर के था नहीं नहीं अब और में नहीं बता सकता हाँ तो इस प्रकार हुआ हमारे KT का जन्म

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

कॉलेज का प्रथम दिन !!!

शुरू करने से पहले मैं आप लोगो को अपने बारे मैं कुछ बताना चाहूँगा । मेरा नाम अजय पाण्डेय हैं और मैं बात २० अगस्त ( शायद यही हैं मुझे पक्का याद नही ) की कर रहा हू जब मैं अपना घर छोड़ के पहली बार हॉस्टल मैं रहने आया था । पहले ही दिन मेरे साथ एक अजीब किस्सा हुआ । आइये आपको बताता हूँ ।

किस्सा शुरू करने से पहले बता दू की उन दिनों मेरा वजन कुछ ९० किलो हुआ करता था । गोल चेहरा साधना कट बाल और चेहरे पर मुछे। ये था कुछ मेरा अंदाज़ । मगर मेरा यह अंदाज़ लोगो को नही सुहाता था। उन्हें में अपनी उम्र से कुछ ४ - ५ साल ज्यादा का ही लगता था। तो बात ये हुई पहले दिन मेरा भाई मुझे छोड़ने आया । मेरे भाई की बात कहे तो वो मेरे बिलकुल विपरीत । वो कहा स्मार्ट लुक वाला बंदा और मैं एक भोंदू। तो जब पहले दिन जब हम कमरे पहुंचे तो मेरा पहले रूम पार्टनर के घर वाले आये हुए थे। अभी मेरा भाई मुझे रहने के कुछ कैडे कानून बता ही रहा था तब तक एक महाशय वह आ पहुंचे। हा देखने मैं स्मार्ट था। गोल चेहरा छोटे बाल लम्बा कद । हर्री पोट्टर वाला चश्मा लगाये हुए ये भाई साहब कमरे मैं घुसते हैं और हम दोनों पाण्डेय बंधुओ की तरफ देख कर बड़े स्टाइल से मुझसे नमस्ते किया और मेरे भाई से हाथ मिलाया।

मेरा भाई ये देख के दांग रह गया । ये कैसा लौंडा हैं बड़े भाई की कोई इज्जत ही नहीं । बाद मैं जाने से पहले मेरा भाई मुझे समझाता हैं की देखना इससे बच के रहना इसकी हरकते सही नही लग रही । ये लौंडा ज्यादा ही मॉडर्न हैं।
मैंने भी कहा ठीक । और यहाँ समझा कर मेरा भाई वहा से चल दिया। रास्ते मैं वरुण (मेरा रूम पार्टनर) फिर मेरे भाई से मिला और कहता हैं क्यूँ कल कॉलेज नही करना क्या? तब मेरे भाई के दिम्माग मैं बत्ती जली और समझ गया गलती वरुण की नहीं मेरे हुलिए की हैं। तब उसने वरुण को ढंग से समझाया की बेटा जो अंदर हैं वो मेरा छोटा भाई हैं और वो इस कॉलेज मैं पढने आया हैं । यहाँ सुन कर जब वरुण वापस रूम पर आया तो मरी शक्ल देख कर खूब हँसा । और उसने मुझे पूरी बात बताई। तो देखा पहले दिन आते आते ही मेरा साथ किस्सा हो गया जिसमे शर्मिंदा भी मुझे ही होना पड़ा।

चलिए यह था मेरा पहले दिन का किस्सा अभी ऐसे और इससे भी मजेदार किस्से बचे हैं । यह पहला पोस्ट था इस लिए इस पर मैंने अपना किस्सा सुनाया मगर होशियार अब मैं आप सबके किस्सों को उठाऊंगा । और याद रखियेगा कोई भी नहीं बचेगा सिनिअर्स भी नही .

यह ब्लॉग क्यूँ ???

सबका ब्लॉग लिखने से पहले कोई न कोई कारण जरूर होता हैं । कोई पैसा कमाना चाहता हैं तो कोई पब्लिसिटी पाना । उसी तरह मेरा भी एक कारण हैं । मैं यह ब्लॉग अपने दोस्तों को समर्पित करना चाहता हू क्यूंकि यह ब्लॉग उन्ही का हैं । इस ब्लॉग में हैं कुछ बातें , कुछ किस्से , कुछ यादें जो मुझसे और मेरे दोस्तों से जुडी हुई हैं। वैसे तो मैंने और मेरे दोस्तों ने जिन्दगी भर साथ निभाने का वादा किया था मगर कुछ कारणों से में यह वादा पूरा न कर पाया और उनसे जुदा हो गया । मैं उनसे बस यही गुज़ारिश करूँगा की मुझे माफ़ करदें और यह याद रखें की दूरिया जितनी भी हो पर हम सब साथ हैं और रहेंगे ।

ज्यादा हो गया शायद । आपको बता दू यह ब्लॉग मैंने इस लिए लिखा हैं ताकि आप मुझे ये न समझे की मैं आप लोगो को भूल गया हूँ और हा तैयार हो जाइये कुछ नयी नयी बाते सुनने को। और हा एक और बात याद रखियेगा मैं किसी को नही छोडूंगा । तो दूसरा का किस्सा पढ़ कर खुश मत होना हो सकता हैं अगला नंबर आपको हो।
खासकर मैं अपने सिनिअर्स से कहना चाहूँगा

चैन से सोना हैं तो जाग जाओ पाण्डेय को देखो तो भाग जाओ